(Verse 1)
जब अंधेरा छाया था रूह पर,
तब यिशु ने जो खुद को दिया,
मेरे पापों का वो बोझ उठाया,
उसकी मोहब्बत का क्या कहूँ, सारा जहान गवा।
(Chorus)
यिशु, यिशु, तू बलिदान,
तेरी याद में मनाऊं हर एक अरमान।
तेरे बिना, जीना नहीं मेरे प्राण,
तू ही बादशाह, तू ही मेरा जहान।
[Chorus Hook]
(Verse 2)
गुलामियों से आजाद कर दिया,
तेरे खून से पवित्र कर दिया।
हर आँसू में तू छुपा है,
हर खुशी में तेरा आशीर्वाद सजा है।
(Bridge)
हिरण, मसीह, तू सच्चा उपकार,
तेरा प्रेम हमारे दिलों में बसा।
हर दर्द को तूने हर लिया,
जीवन में तूने नयी राहें बना दीया।
[Instrumental Break]
(Verse 3)
हर लम्हा उन्हें हम याद करते हैं,
तेरी राहों पर चलने का वादा करते हैं।
जब भी खोता हूँ मैं खुद को,
तेरी दया में, वो सच्चा सुख मिलता।
(Chorus)
यिशु, यिशु, तू बलिदान,
तेरी याद में मनाऊं हर एक अरमान।
तेरे बिना, जीना नहीं मेरे प्राण,
तू ही बादशाह, तू ही मेरा जहान।
[Chorus Hook]
(Verse 4)
जीवन की राहों में चलूँ,
तेरी बातों का सहारा बनूँ।
हर कदम पर तेरा नाम लूँ,
तेरे प्रेम में सब भूले, सब भूल लूँ।
(Outro)
यिशु का बलिदान, अमिट है ये पहचान,
हर विश्वास में खड़ा तू, मेरी शान।
ओ, यिशु, तू बेताब है सबसे,
तेरे प्रेम में खोजता हूँ मैं चाँद-तारों जैसे।
[Fading Out]
(Spoken Word)
"तू हर बेताबी में, हर अंधेरे में,
हमेशा मेरा ख्याल रखता है, यिशु।"
[End]