अंतरा 1:
तू जिब घाघरा पैंण के चाली,
धरती भी थम थम जाली।
चोटी ते झूमे गजरा तेरा,
देख के छोरा सारा बेहाल हो जाली।
कोरस:
थारे ताईं दिल धड़के,
रैता मैं जैसे पाँव फस जां।
न्यूं लागे तू सपना से,
जो खुल्ली आंखां मैं बस जां।
अंतरा 2:
तेरी झलक दिखे खेतां मैं,
हल जोतता भी रुक जावे।
सरपंच का छोरा तक बोले,
इब तू कदे मन्नै हां करावे?
कोरस:
थारे ताईं दिल धड़के,
म्हारी सांस भी उलझ जावे।
म्हारे दिल का तू मालिक बन जा,
इब जी लेंगे संग जिंदगानी आवे।
अंतरा 3:
म्हारे नाम की चुनरी ओढ़ले,
सासु नै भी पसंद आवे।
गोबर, चूल्हा, सब काम सिखा दूं,
बस तू म्हारी धरमपत्नी बन जा वे।
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(झटका देके एंड):
घूंघट की ओट मैं हँसे जो तू,
कसम राम की, दुनिया हारे —
म्हारा प्यार जीत जावे।
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