रोने दे मुझे, ये आँसू बहने दे,
दर्द को यूँही, मेरे सीने में रहने दे।
क्यों छुपाऊँ मैं, ये गम जो सताते हैं,
ये लम्हे तो मेरे, अब साथ निभाते हैं।
जब तन्हाई में, खो जाता हूँ मैं,
ये सन्नाटा बोलता, तेरी यादों से मैं।
तेरे बिन ये दिल, कैसे समझाऊँ मैं,
खुद से ही लड़ता, खुद को ही रुलाऊँ मैं।
तू नहीं है मगर, तेरी यादें हैं साथ,
ये दर्द भरी रातें, ये सूनापा है साथ।
जलता हूँ मैं अंदर, बाहर से मुस्काऊँ,
खुद को ही झूठ बोल, खुद को ही समझाऊँ।
रोने दे मुझे, ये आँसू बहने दे,
दर्द को यूँही, मेरे सीने में रहने दे।