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Festive
Bollywood
Folk
रंगों की बरसात, गुलालों की सौगात!
फागुन आई है, चलो मनाते हैं साथ।
हँसते-गाते, नाचते-गाते,
हर दिल में है आज, एक ज़िंदादिली पलाते।
बच्चों की मुस्कान, बूढ़ों की ख़ुशबू,
हर बस्ते में बिखरी, एक होली की जिद्दी।
जो सारा दुनिया मस्ती में झूम जाए,
आज होली है रे, रंग घोल दे रे!
पिचकारी उठा, सबको भिगो दे रे!
धूप की गुनगुन, मन में है उमंग,
जोड़े हमें यहाँ, कहाँ दूरियों की जंग।
गोरी के गाल, रंग डाले सब,
दिलों में बसा बस, होली का स्वप्न।
जो सारा दुनिया मस्ती में झूम जाए,
आज होली है रे, रंग घोल दे रे!
पिचकारी उठा, सबको भिगो दे रे!
रंग में रंगीनी, सारा जहां भिगो दे,
एक धुन में सबको, नाचने को रिझा दे।
फागुन की महफिल, मिठास है बिखरी,
हर दिल की धड़कन, होली की सखी।
गली-कूचे में, गीतों की मधुरता,
चख के रंगों की, अब तो पक्की नशा।
यारों के जोश में, सजी है टोली,
तन पर रँग चढ़ा, ऐ सारा भोली।
जो सारा दुनिया मस्ती में झूम जाए,
आज होली है रे, रंग घोल दे रे!
पिचकारी उठा, सबको भिगो दे रे!
[Outro]
रंगों की बरसात, गुलालों की सौगात!
सप्त रंगों की छटा, छाई है हर बात।
[Fade-Out]
रंग बरसे, गीत संग,
जग में होली, सब संग-संग!
Sound Of Meme
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