[Verse]
अरे लाल गुलाल उड़ायो रे
पिचकारी रंग सब भायो रे
नंद के लाल संग खेलन चल्यो
ब्रज का हर गोकुल खिल उठा रे
[Chorus]
रंग बरसे मोरे अंगना रे
प्रेम रंग से भीगो सब संगना रे
खुशबू गुलाल की चढ़ी बावरी
होली की मस्ती न कबहुँ उतारी रे
[Verse 2]
नंगारे बजे कान्हा के कुंज में
कंकन खनकें गोरी के हाथ में
मटकी फूटे रंग बहे धारों में
मोहन की बंसी रंग छेड़ लागे
[Bridge]
रेलिया रंगों की छायो रे
जमुना के घाट उमंग बरसायो रे
ग्वाल बाल सभी झूमे गावे
मन में उमंग हर शोख सजायो रे
[Chorus]
रंग बरसे मोरे अंगना रे
प्रेम रंग से भीगो सब संगना रे
बाजे कंठो से त्राहिमाम रे
रंग का पंचनामा ब्रज में शाम रे
[Outro]
तोरा मनवार अब पूरा हो
धूम मचाएँ कजरी का जोश हो
अंत का राग तेज रंग बरसावै
ब्रज की होली सब के मन भावै