[Intro]
हवा में बसी खुशबू, पहाड़ों की कहानी सुनो,
हर सुबह नई आशा, हर शाम एक नया जोश।
[Verse 1]
हवा चले धीरे-धीरे, पहाड़ों की बाहों में,
चाय बगानों में खुशबू, बजती बांसुरी राहों में।
दार्जिलिंग की गलियों में, सपने मेरे खो जाते,
सूरज की किरणों से, सोने से दिन जग जाते।
[Chorus]
⛰️ "यो मेरो पहाड़को माया, हरेक कुना सुन्दर छ,
राँक्पुरियाको बाटो, मन को कति सुन्दर छ।
बाटो हिउँ परेको छ, मनमा गीत झरेको छ,
दार्जिलिंगको चिया र कप, याद सँगै बगेको छ।" ☕🌿
[Verse 2]
कभी काली झरने की लहरें, कभी हरियाली मैदान,
बागडोगरा से सिलीगुड़ी तक, बिखरा है ये गुलिस्तान।
कंचनजंगा की चोटी से, आसमां को छू आया,
ये प्यार भरी गलियाँ, जैसे सपना कोई साया।
[Bridge]
🏔️ "साँझ पर्दा मन रोकिन्छ, बादलको छायामा,
घुम्नु छ फेरि फेरि, यो प्यारो पहाड़मा।" 🌄
[Chorus]
⛰️ "यो मेरो पहाड़को माया, हरेक कुना सुन्दर छ,
राँक्पुरियाको बाटो, मन को कति सुन्दर छ।
बाटो हिउँ परेको छ, मनमा गीत झरेको छ,
दार्जिलिंगको चिया र कप, याद सँगै बगेको छ।" ☕🌿
[Outro]
तूफान आए या बारिश हो, ये दिल यहीं बस जाएगा,
दार्जिलिंग, राँक्पुरिया, मेरो पहाड़को याद सँगै जाएगा।
[Fade-Out]
संगीत की लहरें, पहाड़ों की भक्ति में,
हर लम्हा बसा है, मेरा पहाड़कों की धड़कन में।