नमन करो, नमन करो, क्या तुम शंकर हो?
सभी संकट मिटाने वाले, क्या तुम शंकर हो?
शिव शंभू के चरणों में, हर दुख मेरा मिट जाए,
जटाओं में गंग बहती, हर पाप को हर जाए।
सामने तेरा दीप जलता, मन में शांति लाए,
जग में हर भक्ति की धारा, प्रेम का जलधार लाए।
हर-हर भोले, शंकर भोले,
त्रिशूलधारी, नटराज भोले।
ध्यान लगे, हृदय में बसे,
हर-हर भोले, शंकर भोले।
पार्वती संग सबसे, तुम्हारा जो सुहाग है,
कैलाश पर्वत की ऊँचाई, सही असली प्यार है।
स्नेह भरी वो दृष्टि तेरी, सबको स्वर्ग दिखाए,
तेरे दर पर आकर हर, बुराई भी मिट जाए।
हर-हर भोले, शंकर भोले,
त्रिशूलधारी, नटराज भोले।
ध्यान लगे, हृदय में बसे,
हर-हर भोले, शंकर भोले।
डमरू की धुन सुनते, मन में तृप्ति होती है,
महाकाल की लीला में, कायनात मस्ती होती है।
तू है काशी का मंजर, तेरा नाम गूंजे चारों ओर,
ओंकार की महिमा से ही, पार होती दुनिया सदा बेख़ौफ़।
अनंत ध्यान में लीन रहकर,
मुक्ति का संकल्प लाया,
नीलकंठ की कृपा हमें, हर सुख से भरमाया।
संकट कटे, हृदय भरे, हर दिन में है उत्सव,
तू ही हो हर प्रार्थना में, जैसे चाँद चकित सब।
हर-हर भोले, शंकर भोले,
त्रिशूलधारी, नटराज भोले।
ध्यान लगे, हृदय में बसे,
हर-हर भोले, शंकर भोले।
पा के तुझसे विदाई, मन में है सुकून,
ये भक्ति का भाव सदैव,
तेरे चरणों में हो गूंज।
नमन करो, नमन करो, क्या तुम शंकर हो?
सभी संकट मिटाने वाले, क्या तुम शंकर हो?