श्याम बंसी की तान सुहानी,
राधा के मन में छेड़े कहानी।
रास की धुन पे झूम रही,
प्रेम की गंगा घूल रही।
तेरी बंसी की धुन सुनकर,
दिल मेरा खो जाता है।
हर एक सुर में तेरा जादू,
मुझको बहा ले जाता है।
राधा बिना श्याम अधूरे,
श्याम बिना राधा नहीं रे।
प्रेम की ऐसी ये डोरी,
जनम-जनम तक बंधी रे।
रास की रातें, मधुर मुलाकातें,
यमुना के तट पर गीत गाते।
नैनों में सपने, ह्रदय में चाहत,
श्याम संग राधा, प्रेम की राहत।
तेरा नाम लूं, तो मन खिल जाए,
तेरी छवि देखूं, तो जगमगाए।
ये प्रेम अमर, युगों तक गूंजे,
राधा-कृष्ण नाम सदा झूमें।
राधा बिना श्याम अधूरे,
श्याम बिना राधा नहीं रे।
प्रेम की ऐसी ये डोरी,
जनम-जनम तक बंधी रे।
[Solo]
ओह, बंसी के सुर, गूंजे यंहा,
प्रेम की धुन, छा जाए यहाँ।
दिल की धड़कन, तुझसे ही चले,
तेरे बिना ये सारा जग बेमले।
वृंदावन की गलियों में गूंजे,
श्याम राधा, प्रेम की धुन छेड़े।
चलो वृंदावन के द्वारे,
जहाँ प्रेम का दीप जले।
राधा संग मोहन बसे,
जहाँ प्रेम ही प्रेम पले.