[Intro]
सजे हैं अंबर, सजी है धरती,
गौरा जी का मिलन, भव्य साज है।
[Verse 1]
सजी काशी, उज्जैनी की गलियाँ,
हर दिशा में उमंग है, प्रेम की धुन है।
गौरा जी को लेने आए,
मेरे भोलेनाथ की लहरियाँ।
[Chorus]
गौरा जी, गौरा जी, प्यार की बात,
भोलेनाथ का साथ है, जैसे बहे सौगात।
गौरा जी, गौरा जी, संग चलें हर रात,
शक्ति और शिव का ये है अद्भुत जज़्बात।
[Verse 2]
घुंघट में चांदनी, मेरी मैया पार्वती,
रूप तेरे मनोहर, दिल को करे आह्लादित।
थामा जब हाथ, किया वादा सच्चा,
हर मुश्किल में तुम, रहोगी मेरी छाया।
[Chorus]
गौरा जी, गौरा जी, प्यार की बात,
भोलेनाथ का साथ है, जैसे बहे सौगात।
गौरा जी, गौरा जी, संग चलें हर रात,
शक्ति और शिव का ये है अद्भुत जज़्बात।
[Bridge]
सजती हैं पहाड़ियाँ, हिमालय की शोभा,
बरात लई है, वेदों की पंछी गाते।
पुष्पों की वर्षा, सूरज की किरणें,
संग सजे हैं ये भगवान के रास्ते।
[Solo]
(Instrumental section with soft flute melodies reflecting the essence of celebration and union)
[Verse 3]
सात फेरे, सात वादे, आज बनेगी पार्वती,
स्नेह से अपने, हर क्षण हैं मनोहर।
मेरे भोले जी, संग की शक्ति महाकाल,
मिलन की घड़ी, सजी हर एक काल।
[Chorus]
गौरा जी, गौरा जी, प्यार की बात,
भोलेनाथ का साथ है, जैसे बहे सौगात।
गौरा जी, गौरा जी, संग चलें हर रात,
शक्ति और शिव का ये है अद्भुत जज़्बात।
[Outro]
सजे हैं अंबर, सजी है धरती,
गौरा जी को लेने आए,
मेरे भोलेनाथ जी, प्यार की यह सृष्टि।
धन्यवाद, ये प्रेम का गीत है,
गौरा जी का मिलन, सदा सुखद भविष्य।