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Dil ki baat | AI Song Generator | AI Music | AI Music Maker

Dil ki baat

Dil ki baat

Mok112
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Kumaoni pop

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Lyrics

पहली लाइन सीधी दिल से)

छोरी रोज दिखे बाटूळ लिकै, मैं खाट में चुप बैठा

माथा स्यूँ चुनरी सरकै, मन मेरो फेरा पैठा

(अंतर 1)

घास काटण जाली डांडा म, गड़ेरों स्यूँ बतियाली

मैं दूर स्यूँ निहारूं हर पल, पर बात ना बन पाली

चप्पल टूटी छै उसकी, पर चाल सधी लागे

म्यरू दिल बणि ग्या भिकारी, जब मुस्कान उसकी जागे

(कोरस)

बोल नै पायूँ आज तक, दिन बीतग्या कई

तेरू नाम भी ना पूछ पायूँ, बस हाँफूँ चुपचाई

छोरी नै जाणै म्यरू हाल, नै देखी आँख्याँ स्यूँ हाल

ओ तेरी चुप चाल मँ, म्यरू जिन्दगी बेहाल

(अंतर 2)

एक दिन गुजरी नदी बगल, बाल्टी मा भरी पाणी

हाथ स्यूँ फिसल ग्या पत्थर, गिरी नीचे ज्यूँ रानी

मैं भाग क आयो पकड़ण, पर हाथ नै छू पायूँ

बस नजर मिलग्यी इक झपकी, फेर भी डर मैं छुपायूँ

तेरी सासू देखी दूर स्यूँ, मैं रास्ता बदल ल्यूँ

ओ पहाड़ म तेरो घर देख, खुदै भाग्य बदल ल्यूँ

छोरी छोड़ी न बोल मुझ स्यूँ, पर म्यरू ध्यान तेरू

नी आंखों स्यूँ समझ ल्यूँ, हर इक अरमान तेरू

(कोरस)

बोल नै पायूँ, बस सुन ल्यूँ बीन बाजण की तरह

तेरो नाम मन म जापू, ज्यूँ गुप्त पूजा हर पहर

छोरी तू छै म्यरी, पर समाज बड़ो बिचकार

तेरे लायक न बण पायूँ, बस ओ छै म्यरौ भार

(अंतिम पंक्तियाँ)

शायद तू बियाह लिई, पिथौरागढ़ किसी

और मैं बैठूं ज्यूँ भिखारी, याद करूं वो हँसी

छोरी तू समझि जा अब भी, म्यरू मन तेरै साथ

तेरे बिना अब बची नै म्यरी जिन्दगी की बात

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